Surprise Me!

ऐसा रंग चाहिए होली पर || आचार्य प्रशांत (2024)

2024-03-24 10 Dailymotion

वीडियो जानकारी: वीडियो जानकारी: 21.03.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />~ त्योहारों का मतलब सिर्फ भोगवाद ही क्यों हो गया है? <br />~ क्या इस तरह से त्योहारों को मनाना उचित है?<br />~ बैंगलोर में चल रहे water crisis को देखते हुए भी इस तरह पानी को बर्बाद करना चाहिए?<br />~ क्या हमारे त्यौहारों का कोई अर्थ है, या ऐसे ही मनाए जा रहे है?<br />~ त्यौहार हमारे लिए भोगवादिता के अलावा कुछ नहीं बचे हैं?<br />~ किस तरह हम अपने त्योहारों को मनाएँ और इनके अर्थों को समझें?<br />~ पढ़े-लिखे लोग भी climate change को नहीं देख रहें है और इस तरह के भोगवाद को प्रोत्साहित कर रहे हैं।<br />~ हमारे त्यौहारों में आनंद उत्साह क्यों नहीं है?<br />~ त्यौहारों के बहाने हम कैसे खुद को देखें और आत्मज्ञान की तरफ़ बढ़ें? <br />~ त्यौहारों को कैसे मनाएँ? और कैसे अपने पुराने ढर्रों को दूर करें?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~<br />

Buy Now on CodeCanyon